नेपाल की पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री बनीं सुशीला कार्की

काठमांडू। नेपाल में पहली बार किसी महिला ने अंतरिम प्रधानमंत्री पद संभाला है। पूर्व सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को शुक्रवार रात राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने शपथ दिलाई। जन-जेनरेशन (Gen-Z) प्रदर्शनकारियों के समर्थन से सत्ता में आईं सुशीला कार्की को देश में एक ईमानदार और सख्त छवि वाली नेता माना जाता है। इसके साथ ही वे नेपाल के 220 सालों के इतिहास में इस पद तक पहुंचने वाली पहली महिला बन गईं हैं।

नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस रही कार्की

कार्की पहले भी इतिहास रच चुकी हैं। 2016 में वे नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस बनी थीं। अपने कार्यकाल में उन्होंने कई अहम फैसले दिए, जिनमें सरोगेसी को बिजनेस बनने से रोकना शामिल है। उनके नेतृत्व वाली बेंच ने कहा था कि किराए की कोख गरीब महिलाओं का शोषण कर रही है, जिसके बाद नेपाल में सरोगेसी टूरिज्म पर रोक लगी।

2017 में कार्की के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव

2017 में उस समय की प्रचंड सरकार ने उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया था। आरोप लगाया गया कि वे राजनीतिक दबाव को नज़रअंदाज़ कर फैसले देती हैं। लेकिन कार्की के समर्थन में हजारों लोग काठमांडू की सड़कों पर उतर आए और सुप्रीम कोर्ट ने भी उनके पक्ष में आदेश दिया। नतीजा यह हुआ कि संसद को प्रस्ताव वापस लेना पड़ा।

कार्की का निजी जीवन भी रहा सुर्खिया में

कार्की का निजी जीवन भी सुर्खियों में रहा। उनके पति दुर्गा प्रसाद सुबेदी कभी क्रांतिकारी आंदोलनों में सक्रिय रहे और 1973 में उन्होंने साथियों के साथ एक विमान हाइजैक किया था। यह घटना नेपाल के इतिहास की पहली हाइजैकिंग थी। हालांकि, कार्की ने पति के विवादित अतीत से दूरी रखते हुए अपनी पहचान मेहनत और ईमानदारी से बनाई।

कार्की का भारत से जुड़ाव गहरा

सुशीला कार्की का भारत से भी गहरा जुड़ाव है। उन्होंने वाराणसी के बीएचयू से पढ़ाई की और अक्सर कहा कि गंगा किनारे बिताए दिन उनकी जिंदगी की सबसे यादगार यादें हैं। बिराटनगर की रहने वाली कार्की भारत-नेपाल सीमा से बेहद नज़दीक पली-बढ़ी और हिंदी भी समझती हैं।

भारत-नेपाल रिश्ते पर रुख सकारात्मक

भारत-नेपाल रिश्तों पर वे हमेशा सकारात्मक रुख रखती हैं। उनका कहना है कि दोनों देशों की जनता भावनात्मक रूप से जुड़ी है और छोटे-मोटे मतभेद रिश्तों की मजबूती को प्रभावित नहीं कर सकते।

देश की पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री के तौर पर अब कार्की पर राजनीतिक स्थिरता और भ्रष्टाचार विरोधी उम्मीदों का बोझ है। आम लोगों को विश्वास है कि वे अपने सख्त और निष्पक्ष फैसलों से नेपाल की राजनीति को नई दिशा देंगी।

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