पहले डीटाक्स वाटर के लाभ
डीटाक्स वाटर से पेट मे जो भी मल या जो भी बीमारी तैयार होती है डिटॉक्स वाटर उसको बाहर निकालता है ।पेट को साफ रखता है लीवर ठीक रहता है , पीलिया नहीं होता है , फैटी लीवर (fatty liver ) नहीं होता है , ट्राइग्लिसराइड ( triglycerides ) नहीं बनता है ,कोलेस्ट्रॉल ठीक हो जाता है , शुगर कंट्रोल हो जाता है ,आंतरिक शुद्ध रहती है ।पेशाब में जो जलन आती है बूँद बूँद पेशाब आता है ,खुजली होती है वह ठीक हो जाती है ।स्किन की बीमारी हैं वह ठीक होने लगती हैं । बाल झड़ना कम हो जाता है ,आंखो की रोशनी बढती है । यहां तक की अर्श यानी बवासीर , लैट्रिन के रास्ते में खुजली और जलन वह भी ठीक हो जाता है इसलिए हमें डिटॉक्स वॉटर पीना चाहिए ।
डीटाक्स वाटर बनाने की विधि
एक घडे मे 5 लीटर पानी ले । इसमें एक नींबू के कई टुकडे , कुछ पत्ते 7 से 8 तुलसी के , अदरक का छोटा सा टुकड़ा 20 ग्राम ,धनिया 8 से 9 पत्ते , 8 – 9 पत्ते पुदीना के ,10 ग्राम सौंफ ,खीरे के कुछ टुकड़े , ककड़ी के कुछ टुकड़े ,फल( सेब आदि )। 10 ग्राम कलौंजी , 10 ग्राम राई ले । 2 घंटे के बाद डिटॉक्स वॉटर तैयार होना शुरू हो जाएगा। यह पानी दिन में तीन से चार बार पिए । आपको निश्चित लाभ मिलेगा ।