बेटे की जिद पर मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में पहुंची तो गेट पर खड़े संतरी ने रास्ता रोका जहां उनसे पीछे के गेट से आने के लिए बोला। और जब मालूम हुआ कि वो आकाश मधवाल की मां है तो उन्हें सम्मान के साथ अंदर लाया। पहले से ही मौजूद कई क्रिकेटरों के परिजनों और फिल्मी सितारे भी उनसे मिलने आए। उनके बेटे के नाम से मिल रहे सम्मान को पाकर मां की आंखें भर गयीं ।
आशा मधवाल ने बताया कि बेटे ने फोन कर बताया कि उसने मुंबई की टिकट करा दी है और वे वानखेड़े स्टेडियम में 12 तारीख को पहुंच जाएं। इस पर वे रात को ही दिल्ली से फ्लाइट लेकर सुबह पहुंच गई। वानखेड़े स्टेडियम से पहले ही उनका मायका घर है। बेटा और भाई उन्हें एयरपोर्ट पर रिसीव करने आए।
आशा मधवाल बताती हैं कि उन्होंने बहुत संघर्ष किए जब आकाश का इण्टरमीडिएट का पेपर था तब पति की हार्ट अटैक से मृत्यु हुई जो कि बीईजी में इंजीनियर थे। उनकी मृत्यु के बाद छह माह महीने तक पति के सभी अकाउंट ब्लॉक हो गए। जिस पर वे मुंबई में भाइयों के पास गई और मदद मांगी। पेंशन शुरू होने के बाद भी कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा। लेकिन आकाश की कामयाबी से काफी हद तक जिंदगी के घाव पर मरहम लगा है।