चमोली हादसे से सभी ग़मग़ीन है। एक मिनट में कई घरों को उजाड़ देने वाली उस घटना के बाद इसका सही कारण पता लगाने के लिए जांच जारी है वहीँ घटना के बाद विद्युत सुरक्षा विभाग की तीन सदस्यीय टीम ने पहले दिन जांच के बाद प्रथम दृष्टया यूपीसीएल और एसटीपी दोनों के स्तर पर कुछ कमिया देखि गयीं हैं। पूरी जांच होने के बाद ही सही वजह का पता लग सकेगा। यूपीसीएल की तरफ से जहां भी बिजली आपूर्ति को ट्रांसफार्मर लगाए जाते हैं वहा हाई वोल्टेज या फॉल्ट होने पर इलेक्ट्रिक शॉक से बचाने के लिए अर्थिंग होती है।
नमामि गंगे प्रोजेक्ट के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में हुए हादसे के दूसरे दिन प्लांट में अर्थिंग को लेकर कुछ अजीब बात सामने आ रही है। यह हादसे की वजह होने की आशंका है। इसी अर्थिंग पर सवाल खड़ा हो रहा है। बृहस्पतिवार को प्लांट का निरीक्षण करने पहुंचे रुड़की के सहायक विद्युत निरीक्षक सुनील कुमार मिश्रा ने कहा है कि यूपीसीएल की अर्थिंग काम कर रही थी या नहीं, इसकी मशीनों से जांच होगी तभी कुछ कहा जा सकता है। की
प्रथम दृष्टया यूपीसीएल और प्लांट दोनों के स्तर से कुछ खामियां सामने आ रही है। करंट फैलने की मुख्य वजह हाई वोल्टेज या शॉर्ट सर्किट दोनों होने की संभावना है।तीन में से दो फेज में आपूर्ति हो थी। इसकी सूचना बिजली विभाग को मिली तो उन्होंने फॉल्ट तलाश किया। पता चला कि प्लांट के पास जंपर उड़ा हुआ था, जिसकी वजह से प्लांट में आपूर्ति नहीं थी।