भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का बहुप्रतीक्षित चंद्रयान-3 मिशन 23 अगस्त की शाम को चांद पर लैंड करने वाला है। इससे पहले विक्रम लैंडर के लिए अनुकूल स्थितियों की पहचान होगी। लैंडिंग के लिए निर्धारित समय से ठीक दो घंटे पहले यान को उतारने या न उतारने पर अंतिम फैसला हो सकता है। अगर आज चंद्रयान-3 को 23 अगस्त को लैंड नहीं कराया जाता तो फिर इसे 27 अगस्त को भी चांद पर लैंड हो सकेगा ऐसी खबरे हैं।इससे पहले इसरो ने चंद्रयान-2 को लांच किया था, लेकिन यह सतह पर सुरक्षित रूप से लैंड नहीं कर सका था।
आपको बतादें कि चंद्रयान-3 मिशन चंद्रयान-2 का ही अगला स्टेप है। एक प्रणोदन मॉड्यूल, एक लैंडर और एक रोवर होगा। चंद्रयान-3 का फोकस चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंड करने पर है। इस मिशन को सफल बनाने के लिए एल्गोरिदम को उत्तम तैयार वकिया गया है। गौरतलब है कि इससे पहले चंद्रयान-2 मिशन चंद्रमा की सतह नहीं उतर सका था। जिन कमियों को इसमें पाया गया इस बार उनपर काफी घनिष्ट कार्य किया गया है।