विकास के साथ विरासत पर काम की जरूरत

उत्तराखंड में वैडिंग डेस्टीनेशन के रूप में विकसित करें पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2 महीने के अंतराल में उत्तराखंड की दूसरी यात्रा सूबे की सरकार को भविष्य का रोड मैप तैयार करने की नसीहत के तौर पर देखी जा सकती है । लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डबल इंजन सरकार के फायदे बताते हुए राज्य सरकार को भविष्य के लिए कुछ लक्ष्य भी दिये। खास तौर से प्रधानमंत्री ने राज्य में विकास के साथ ही विरासत पर काम करने की बात भी कहीं। विरासत से संबंध उनका उत्तराखंड को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने की ओर इशारा था।

गौरतलब है कि उत्तराखंड में केंद्र सरकार की मदद से विकास कार्य तेजी से किया जा रहे हैं। ऋषिकेश कर्ण प्रयाग रेल मार्ग का निर्माण गतिमान है। चार धाम परियोजना में मार्ग का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है । इसके अलावा हवाई कनेक्टिविटी से भी कई नए स्थानों को जोड़ा गया है। दिल्ली से देहरादून की दूरी को भी ढाई घंटे में किए जाने की बात प्रधानमंत्री ने अपने उद्बोधन में कही ।

प्रधानमंत्री ने इन्वेस्टर समिट में एक महत्वपूर्ण बात और कही, वह उत्तराखंड को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने की योजना को जमीन पर उतराने की थी।

उन्होंने ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में उद्योगपतियों से कहा कि विदेशों में जाकर शादी करने के बजाय वेड इन इंडिया pr फोक्स करे। यदि यहा 5000 शादियां 1 वर्ष में होती है तो उत्तराखंडभविष्य में विश्व का वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में ख़ास पहचान बनाएगा।

यहां यह उल्ल्लेखनीय है कि उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद में त्रियुगीनारायण मे भगवान शिव और पार्वती का विवाह स्थल है। इसके अलावा भगवान कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध का विवाह भी ऊखीमठ में उषा के साथ हुआ था।

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