देश के करोड़ों ग्राहकों के लिए बड़ी खबर आ रही है। बताया जा रहा है कि पेटीएम वॉलेट के बंद होने के बाद एक अप्रैल से एक और पेमेंट वॉलेट बंद होने जा रहा है। ओला मनी ने घोषणा की है कि 1 अप्रैल से वह स्मॉल प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (PPI) के तौर पर काम करेगी। इसका मतलब ये हुआ कि उसके सभी कस्टमर्स को नए सिरे से केवाईसी कराई होगी, वहीं ओला मनी वालेट सर्विस की लिमिट भी कम हो जाएगी।
ओला मनी की नई पॉलिसी के मुताबिक स्मॉल पीपीआई के तौर पर उसके ग्राहक हर महीने सिर्फ 10,000 रुपए ही अधिकतम लोड कर सकेंगे। अगर उसके ग्राहक इस सर्विस को चालू रखना चाहते हैं तो उन्हें फुल केवाईसी से खुद को स्मॉल पीपीआई पर रजिस्टर करना होगा।अगर ग्राहक अपने वॉलेट को बंद करना चाहते हैं, तो उन्हें उसका भी ऑप्शन मिलेगा। इसके लिए वह बिना किसी बैंक ट्रांसफर फीस के अपने वॉलेट के पैसे को विड्रॉल कर सकते हैं। ग्राहक अगर दोनों में कोई ऑप्शन नहीं चुनते हैं, तो एक अप्रैल के बाद उनका वॉलेट सस्पेंड हो जाएगा।
पेमेंट बैंक और फिनटेक कंपनियों की निगरानी के लिए आरबीआई में 2 साल पहले ही एक अलग विभाग बना है, जिसने इस सेक्टर पर ध्यान देना शुरू किया है। जबकि भारत के बैंकिंग सेक्टर में भी पेमेंट्स बैंक की एंट्री ही नवंबर 2014 में हुई। इससे पहले आम और गरीब लोगों की जरूरत को देखते हुए 2009 में स्मॉल फाइनेंस बैंक की एंट्री हुई थी। इस सबके बीच 2017 से पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड काम कर रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक की सविसेस को बैन कर दिया. हालांकि पेटीएम अब भी चालू है। वहीं अब जब ओला मनी अपनी वॉलेट सर्विस को चेंज कर रहा है।