अजवाइन किचन में मौजूद एक ऐसा मसाला है जिसका सेवन खाना पकाने में किया जाता है। औषधीय गुणों से भरपूर अजवाइन का इस्तेमाल कई बीमारियों के उपचार में भी किया जाता है। इस मसाले में मौजूद पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें कैल्शियम, पोटैशियम, सोडियम, फॉस्फोरस, थायमिन, आयरन और नियासिन भी शामिल हैं जो सेहत के लिए बेहद उपयोगी है।
100 ग्राम अजवाइन में प्रोटीन -17.1 ग्राम,वसा -21.8 ग्राम,खनिज – 7.9 ग्राम,डाइटरी फाइबर -21.2 ग्राम, कार्बोहाइड्रेट -24.6 ग्राम, एनर्जी-363 किलो कैलोरी, कैल्शियम -1525 मि.ग्रा,फॉस्फोरस – 443 मिलीग्राम और आयरन – 12.5 मिग्रा मौजूद होता है। ये सभी पोषक तत्व पेट के रोगों का रामबाण इलाज हैं।
रेजुआ एनर्जी सेंटर,मुंबई में पोषण विशेषज्ञ डॉ. निरुपमा राव के मुताबिक पेट की समस्याओं को दूर करने के लिए अजवाइन का इस्तेमाल दवाई से कम नहीं है। अजवाइन पाचन तंत्र को ठीक करता है। अजवाइन प्रोटीन,वसा,खनिज और बहुत सारे फाइबर का एक पावरहाउस हैं। पोषक तत्वों से भरपूर अजवाइन का सेवन सेहत पर कैसे असर करता है आइए एक्सपर्ट से जानते हैं।
अजवाइन के बीज में शक्तिशाली एंटी-बैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण मौजूद होते हैं जो हमारी सेहत को दुरुस्त करते हैं।
अजवाइन एक ऐसा मसाला है जो कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करता है। अजवाइन के बीज का अर्क कुल कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड और खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में असरदार है। अजवाइन का सेवन दिल के रोगों से बचाव करता है।
अजवाइन एक ऐसा मसाला है जो कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करता है। अजवाइन के बीज का अर्क कुल कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड और खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में असरदार है। अजवाइन का सेवन दिल के रोगों से बचाव करता है।
अजवाइन सीड्स का अर्क गैस्ट्रिक समस्याओं और पुरानी अपच को रोकने और उसका इलाज करने में भी मदद करता है। पाचन से जुड़ी परेशानियों को दूर करने में आप अजवाइन के सीड्स का सेवन करें। डॉ. राव ने बताया कि अजवाइन अपने पाचन गुणों के लिए जानी जाती है। इसके वातहर गुण अपच, सूजन और गैस को कम करने में मदद कर सकते हैं।
अजवायन में खांसी-विरोधी प्रभाव मौजूद होता हैं जो खांसी से राहत दिलाने में असरदार साबित होता है। इसका सेवन करने से लंग्स में वायु प्रवाह को बढ़ाने में मदद मिलती है।
अजवायन में खांसी-विरोधी प्रभाव मौजूद होता हैं जो खांसी से राहत दिलाने में असरदार साबित होता है। इसका सेवन करने से लंग्स में वायु प्रवाह को बढ़ाने में मदद मिलती है।