उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संसद में अपने पहले वर्ष में जनसेवा, विकास और संवाद के नए मानदंड स्थापित किए हैं। 2024 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद से उन्होंने न केवल दिल्ली में सशक्त भूमिका निभाई, बल्कि हरिद्वार के ज़मीनी मुद्दों को प्राथमिकता पर उठाकर जनता से जुड़ाव का उदाहरण पेश किया।
उनकी प्रमुख उपलब्धियों में जनता के सरोकारों से जुड़ी पहल दिखायी दी। त्रिवेंद्र सिंह रावत की सक्रिय पहल से एक दशक से लटके केंद्रीय विद्यालय आईडीपीएल के मुद्दे को गति मिली। उन्होंने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव से लगातार संवाद कर वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया, जिससे अब विद्यालय का रास्ता लगभग साफ हो चुका है।
रेलवे कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में हरिद्वार से दिल्ली व देहरादून तक नई ट्रेनों और मौजूदा रूटों के सुधार को लेकर उन्होंने रेलवे मंत्रालय से पत्राचार किया। ज्वालापुर स्टेशन पर यात्री सुविधाओं को बेहतर करने की दिशा में प्रस्ताव और फॉलोअप। गंगा स्वच्छता एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए सांसद ने गंगा स्वच्छता मिशन के तहत हरिद्वार नगर निगम, मेलाधिकारी कार्यालय और जल शक्ति मंत्रालय के बीच समन्वय को मजबूत किया। घाटों की सफाई, प्लास्टिक मुक्त अभियान और नालों के ट्रीटमेंट प्लांट पर फोकस किया गया।
संत समाज एवं धार्मिक स्थलों से संवाद किया ताकि हरिद्वार की पहचान आध्यात्मिक नगरी के रूप में बनी रहे, इसके लिए त्रिवेंद्र रावत ने संत समाज के साथ निरंतर संवाद बनाए रखा और धार्मिक स्थलों की आधारभूत संरचना के विकास में रुचि दिखाई। स्थानीय युवाओं के लिए स्वरोजगार, स्टार्टअप्स और कौशल विकास से जुड़े केंद्रीय योजनाओं को जिलास्तर पर पहुंचाने का प्रयास किया गया। MP-LAD फंड से कई कौशल केंद्रों को सहायता दी गई।
संसद में प्रभावी उपस्थिति
संसद में पूछे गए प्रश्नों, उठाए गए मुद्दों और बोलने के समय के लिहाज से त्रिवेंद्र सिंह रावत की उपस्थिति सक्रिय सांसदों में गिनी गई। उन्होंने हरिद्वार की समस्याओं को स्वच्छता, पर्यावरण, पर्यटन, शिक्षा और रेलवे जैसे विषयों के ज़रिये संसद में आवाज दी। त्रिवेंद्र सिंह रावत हर सप्ताह अपने संसदीय क्षेत्र के किसी न किसी हिस्से में जनता दरबार या दौरे पर रहते हैं। सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि सांसद का पद सिर्फ नीतियों का नहीं, संवाद और सेवा का माध्यम है। उन्होंने अपनी आगे की प्राथमिकताओं में हरिद्वार–देहरादून हाइवे चौड़ीकरण में गति, गंगनहर किनारे साइकल ट्रैक योजना, हरिद्वार में आधुनिक पुस्तकालय और ई-लर्निंग सेंटर, यात्रियों के लिए सुविधाजनक बस अड्डे और पार्किंग प्रोजेक्ट शामिल है।