परमार्थ निकेतन पधारे माननीय उपमुख्यमंत्री, उत्तरप्रदेश श्री ब्रजेश पाठक जी

माननीय उपमुख्यमंत्री जी नटराज पुरस्कार से सम्मानित रूद्राक्ष के पौधे से किया सम्मानित

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से आशीर्वाद लेकर परमार्थ गंगा आरती में किया सहभाग

परमार्थ निकेतन सपरिवार पधारे माननीय उपमुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक जी। उन्होंने स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से आशीर्वाद लेकर परमार्थ गंगा आरती में सहभाग किया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि प्रकाश कहीं बाहर नही ंहम सभी के अन्दर है, इस प्रकाश को आप अपने साथ लेकर जाये। स्वामी जी ने वन अर्थ, वन फेमली, वन फ्यूचर का संदेश दिया।


माननीय उपमुख्यमंत्री, उत्तरप्रदेश श्री ब्रजेश पाठक जी ने कहा कि परमार्थ निकेतन सभी को एक ऐसा मंच प्रदान कराता है जहां पर न केवल राष्ट्रीय बल्कि अन्तर्राष्ट्रीय हस्तियां प्रतिदिन सहभाग करती हैं। आज मैं यहां पर विभिन्न संस्कृतियों का संगम होते देख रहा हूँ। उन्होंने कहा कि मुझे पूज्य स्वामी जी महाराज का सान्निध्य और आशीर्वाद अनेक अवसरों पर प्राप्त हुआ है। मैं स्वयं को सौभाग्यशाली समझता हँू मुझे आज संगम के तट से गंगा के पावन तट पर आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि योग क्रोध, मोह और अहंकार से मुक्ति का सर्वश्रेष्ठ माध्यम है। योग हमारे जीवन को प्रकाश की ओर ले जाता है। साध्वी जी ने सभी को संकल्प कराया कि हम स्वयं आनन्द और शान्ति के साथ रहेंगे तथा दूसरों के भी प्रेम और आनन्द का माध्यम बनेंगे।
अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में सहभाग करने वाले प्रतिभागी कह रहे हैं कि जो शान्ति और आनन्द यहां पर मिल रहा है वह हमने कभी सोचा नहीं था।
इस अवसर पर श्रीमती नम्रता पाठक जी, श्री अनिल शर्मा जी, कानपुर, श्रीमती श्वेता शर्मा जी, श्री सुबोध पाराशर, पूर्व एमएलसी बिजनौर, श्रीमती गायत्री पाराशर, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्षा, जनपद बिजनौर, श्री अरूण जी और अन्य विशिष्ट अतिथियों ने सहभाग किया। गुरनिमित सिंह जी ने हरे रामा हरे कृष्णा मधुर भजन गाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
आज परमार्थ निकेतन गंगा तट संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से ‘भारत दर्शन’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उत्तर मध्य क्षेत्र संस्कृति केंद्र, प्रयागराज द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से विभिन्न नृत्य रूपों का प्रदर्शन किया गया।
नृत्य के माध्यम से राधाजी और कृष्णजी के शाश्वत और दिव्य प्रेम को दर्शाया गया। इस दौरान भगवान कृष्ण की नगरी बृज की होली व चरकुला की प्रस्तुति भी श्री संतोष कुमार जी द्वारा की गयी।
चरकुला नृत्य उत्तर प्रदेश के ब्रज क्षेत्र में भी किया जाता है। इस नृत्य में, महिलाएं अपने सिर पर गोलाकार लकड़ी के पिरामिड को संतुलित करके श्री कृष्ण के गीतों पर नृत्य करती हैं।
आज चकरी नृत्य का भी प्रदर्शन किया गया, चकरी नृत्य राजस्थान के कोटा और बारां जिलों की कंजर जनजाति के सबसे लोकप्रिय लोक नृत्यों में से एक है।
नृत्य घूमर राजस्थान का पारंपरिक लोकनृत्य है। भील जनजाति, देवी सरस्वती की पूजा करने के लिए यह नृत्य करती है। मध्य प्रदेश के श्री मायाराम धुर्वे जी द्वारा विशेष वाद्य यंत्र गुडंब बाजा बजाया गया। यह एक पारंपरिक संगीत वाद्ययंत्र है। गुडम बाजा कोहनियों से भी बजाया जाता है। गुडम आमतौर पर कर्मा नृत्य अनुष्ठान के दौरान बजाया जाता है। इसके अलावा हरियाणा राज्य के श्री मनोज जाले जी ने हरियाणा की जीवंत लोक संस्कृति पर आधारित एक विशेष प्रस्तुति दी।

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