प्रोटीन के मामले में 5 वेज फूड के आगे मटन-चिकन भी फेल, हकीकत जान लेंगे तो छोड़ देंगे नॉन-वेज, ये हैं लिस्ट

1ः-सोया बींस
सोया बींस प्रोटीन का बहुत बड़ा स्रोत है। 80 ग्राम सोया बींस में 8.7 ग्राम शुद्ध प्रोटीन पाया जाता है। इससे समझा जा सकता है कि सोया प्रोटीन का कितना बड़ा खजाना है। उत्तर भारत में सोया बींस की सब्जी बनाई जाती है।

2ः- हरी मटर
हरी मटर न सिर्फ प्रोटीन बल्कि कई पौष्टिक तत्वों का खजाना है। इसमें मैग्नीशियम, कॉपर, फॉस्फोरस, फॉलेट, जिंक, आयरन और मैगनीज जैसे खनिज तत्व पाए जाते हैं, जो कई बीमारियों के जोखिम को कम करते हैं। हरी मटर में फायटोन्यूट्रेंट्स पाया जाता है जो पेट के कैंसर को रोकने में सक्षम है। इस तरह यह मटन-चिकन से कहीं अधिक प्रोटीन देता है।

3ः- टोफू
टोफू भी एक तरह का सोयाबींस है। हालांकि भारत में टोफू का कम सेवन किया जाता है, लेकिन यह प्रोटीन से भरा होता है। टोफू सोया मिल्क से बनता है। सौ ग्राम टोफू से 8.1 ग्राम प्रोटीन मिलता है। टोफू से पैनकेक, जापानी सलाद, सिलकेन आदि बनाए जाते हैं। इसे अन्य चीजों में मेरीनेट भी किया जा सकता है।

4ः- फलीदार सब्जियां
मसूर की दाल, चना की दाल, बींस, मूंगफली प्रोटीन का बहुत बड़ा स्रोत है। फलीदार सब्जियों में बींस, मसूर की दाल, मटर आदि आती है। 2 फलीदार सब्जियों में 8 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है, इसलिए फलीदार सब्जियों को प्रोटीन का खजाना कहते हैं। यह सस्ती भी होती है।

5ः- बादाम
बादाम बेशक महंगा है, लेकिन इसमें बहुत अधिक प्रोटीन पाया जाता है। 20-25 ग्राम बादाम में 6 ग्राम प्रोटीन होता है। अगर रोज सुबह 3-4 भींगे हुए बादाम को खाया जाए तो यह वजन को भी कम करेगा और हार्ट से संबंधित कई बीमारियों से दूर रखेगा। बादाम में विटामिन ई, हेल्दी फैट और कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो कई बीमारियों से दूर रखते हैं।

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