आज शरद पूर्णिमा, लगेगा चंद्र ग्रहण, खीर बनाकर छत पर रखें इस वक्त

हिंदू धर्म में पूर्णिमा की काफी मान्यता है। साल भर में 12 पूर्णिमा होती हैं। आश्विन माह की पूर्णिमा को सभी पूर्णिमा में सबसे खास महत्व है। इस पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा, रास पूर्णिमा और शरद पूर्णिमा कहा जाता है। भगवान श्रीकृष्ण और राधा की अदभुत और दिव्य रासलीलाओं का आरम्भ भी शरद पूर्णिमा के दिन हुआ।

पूर्णिमा की श्वेत उज्जवल चांदनी में भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी नौ लाख गोपिकाओं के साथ स्वयं के ही नौ लाख अलग-अलग गोपों के रूप में आकर ब्रज में महारास रचाया था। शरद पूर्णिमा की रात्रि पर चन्द्रमा पृथ्वी के सबसे पास आता है। वह अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है।  इस रात में चन्द्रमा का ओज सबसे तेजवान और ऊर्जावान कहा जाता है। उज्ज्वल चांदनी में सारा आसमान धुला नजर आता है, हर तरफ चन्द्रमा के दूधिया प्रकाश में प्रकृति नहा उठती है।

इस बार कई साल बाद शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रग्रहण लगने वाला है। इस दिन रात में खीर भी खुले आसमान में बनाकर रखी जाती है। उसमें चन्द्रमा से अमृत वर्षा होती है लेकिन इस साल खीर को पूरी रात बाहर न रखें, इससे वह दूषित हो जाएगी। ग्रहण 28 अक्टूबर की रात 01 बजकर 05 मिनट में लगने जा रहा है और समाप्ति 02 बजकर 23 मिनट पर होगी।

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