उत्तर प्रदेश शासन ने उत्तरी खंड गंगनहर रूड़की हरिद्वार अधिशासी अभियंता और सहायक अभियंता को शासकीय कार्यो को समयबद्धता के साथ सम्पादित ना करनेे तथा उच्चाधिकारियों एवं अधीनस्थों के साथ सामन्जस्य स्थापित ना करने के कारण राजकीय कार्य में बाधा उत्पन्न होने और भीमगोड़ा बैराज के गेट संख्या-10 के क्षतिग्रस्त होने समेत अन्य शिकायतों व अनिमित्ताओं के चलते दोनों अधिकारियों को निलम्बित किया है। दोनों अधिकारियों की हठधर्मिता के चलते शासन द्वारा उनके खिलाफ कार्यवाही किये जाने पर विभागीय कर्मचारियों में हर्ष है।
बताते चले कि जुलाई माह 23 में पहाड़ों पर हुई मुसलाधार बरसात के चलते 16 जुलाई 23 को भीमगोड़ा बैराज का गेट नम्बर-10 क्षतिग्रस्त हो गया था। जिसको लेकर पूरा मामला उत्तराखण्ड समेत उत्तर प्रदेश की मीडियां में सुर्खियों में छाया रहा। मामले की गम्भीरता को देखते हुए अधीक्षण अभियंता गंग नहर संचालन मण्डल मेरठ द्वारा टीम के साथ मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया गया। इस दौरान उनके द्वारा भारी अनिमित्ताए पाई गयी।
अधीक्षण अभियंता द्वारा पूरे प्रकरण की गम्भीरता की जांच के बाद शासन को अपनी रिपोर्ट पेश की गई। जिसमें उत्तरी खण्ड गंगनहर रूड़की हरिद्वार अधिशासी अभियंता नलिन बर्धन द्वारा शासकीय कार्यो को समय बद्धता के साथ सम्पादित न करने तथा उच्चाधिकारियों एवं अधीनस्थों के साथ सामन्जस्य ठीक न रखने के कारण राजकीय कार्य में बाधा उत्पन्न होने और चतुर्थ श्रेणी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के सेवा सम्बंधी प्रकरण पर उचित निर्णय न लेने के कारण माह मई व जून 23 में धरना प्रदर्शन होने और भीमगोड़ा बैराज के गेट संख्या-10 के क्षतिग्रस्त होने समेत अन्य भारी अनिमित्ताओं को लेकर अपनी रिपोर्ट शासन को पेश कर निलम्बन की संस्तुति की थी। अधीक्षण अभियंता ने अपनी जांच रिपोर्ट में उक्त स्थिति के लिए अकेला अधिशासी अभियंता नलिन बर्धन को ही जिम्मेदार नहीं ठहराया है।
बल्कि उनके साथ बराबर का सहायक अभियंता शिव कुमार कौशिक को भी दोषी मानते हुए उनके खिलाफ भी शासन से निलम्बन की संस्तुति की गई थी। जिसपर शासन ने उक्त दोनों अधिकारियों के निलम्बन के निर्णय के लिए महामहिम राज्यपाल के पास रिपोर्ट प्रेषित की गई। जिसपर महामहिम राज्यपाल के आदेश पर दोनों अधिकारियों को निलम्बित कर दिया। उक्त दोनों अधिकारियों की हठधर्मिता के चलते उनके खिलाफ कार्यवाही होने पर उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग कर्मचारियों में हर्ष की लहर है।