मानसून सत्र को देखते हुए प्रशासन ने धरना स्थल अन्यत्र स्थापित करने की कही बात
देहरादून 3 सितंबर| विगत वर्ष इसी माह में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण के द्वारा कोटिया कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर विधानसभा के 228 कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया था, जिसमें 2016 एवं उसके बाद नियुक्त हुए कर्मचारियो अवैध भर्ती बताते हुए बिना उनका पक्ष जाने एक झटके में बर्खास्त कर दिया गया था। तभी से न्याय की गुहार को लेकर बर्खास्त कार्मिक विधानसभा के बाहर लगभग 260 दिन से धरने पर डटे हुए हैं।दरअसल इन तमाम बर्खास्त कर्मियों का कहना है कि जब कोटिया कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक 2001 से 2021 तक सभी 396 नियुक्तियों को अवैध और अनियमित माना गया है तो फिर 2016 के बाद हुई 228 नियुक्तियां ही सिर्फ़ क्यों अवैध मानी गई हैं।
गौरतलब है कि 5 सितंबर से विधानसभा का मानसून सत्र देहरादून में आहूत होने जा रहा है जिसकी सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए रविवार को धरना स्थल पर प्रशासन के आला अधिकारियों ने बर्खास्त कार्मिकों से मिलकर सत्र अवधि के दौरान धरना स्थल की जगह को अन्यत्र स्थापित करने की बात कही| प्रशासन के अधिकारियों में उप जिला अधिकारी नंदन सिंह एवं सीओ नेहरू कॉलोनी पूर्णिमा गर्ग ने कार्मिकों से बातचीत की। इस दौरान कार्मिकों का कहना था कि बर्खास्त होने के इस 1 वर्ष के दौरान पहली बार विधानसभा का सत्र देहरादून में आयोजित हो रहा है जिसमें उनको उम्मीद है कि उनके पक्ष में विचार विमर्श किया जा सकता है उन्होंने प्रशासन से अनुरोध किया कि उन्हें इसी स्थान पर धरना देने दिया जाए।
प्रशासन एवं कार्मिकों के बीच बातचीत के बाद कार्मिकों ने सत्र अवधि के दौरान धरनास्थल को डिफेंस कॉलोनी मार्ग पर स्थापित करने पर सहमति जताई| साथ ही कार्मिकों का कहना था कि वो विधानसभा की मर्यादा को भली-भांति जानते हैं भले ही विधान सभा ने उनके साथ अन्याय किया हो परंतु विधानसभा प्रदेश की सर्वोच्च संस्था है। आम जनमानस की भावनाओं और विधानसभा की मर्यादा को देखते हुए कार्मिकों ने प्रशासन के अनुरोध पर सहमति जताई| इस दौरान उप जिलाधिकारी ने स्पष्ट रूप से कार्मिकों से सत्र की समाप्ति की उपरांत पूर्व की भांति विधानसभा परिसर के बाहर ही धरनास्थल यथावत रखने की बात कही।
इस दौरान इस दौरान कौशिक भैसौडा, राहुल पांडे, हिमांशु पांडे, तूशांत बिष्ट, सरोज, कुलदीप सिंगवाल, गोकुल सिंह, अनिल रयाल, ओम प्रकाश, तनुजा राणा, किरन आदि समस्त बर्खास्त कार्मिक उपस्थित रहे