पूरे देश में मानसूनी बारिश लगातार हो रही है। पहाड़ी और पूर्वोत्तर के राज्यों में बारिश आसमान से आफत बनकर बरस रही है। उत्तराखंड के जोशीमठ में भूस्खलन के चलते बंद बदरीनाथ हाईवे 83 घंटे बाद खुल गया है। हाईवे बंद होने से साढ़े चार हजार यात्री जगह-जगह पर फसे रह गए थे। बिहार में बिजली गिरने से बीते 24 घंटे में 21 और लोगों की जान चली गई है।
वहीँ असम में बाढ़ की स्थिति में लगातार सुधार दिख रहा है लेकिन अभी भी 12 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। देश के 23 राज्य में अलग-अलग स्थानों पर अगले पांच दिन भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है और मौसम विभाग ने रेड, ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किए हैं। सीमा सड़क संगठन की टीम मलबा हटाने में जुटी थी कि उसी दिन फिर सुबह 11 बजे पहाड़ का बड़ा हिस्सा टूट गया और भारी भरकम चट्टान सड़क पर ही आकर अटक गई। बदरीनाथ विधानसभा उपचुनाव में मतदान कराने के लिए जा रहीं पोलिंग पार्टियों के साथ ही बड़ी संख्या में चार धाम यात्रा पर निकले श्रद्धालु भी फंस गए थे।
यूपी के हाल –
बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, बलरामपुर, अयोध्या, अंबेडकरनगर, बाराबंकी, सीतापुर के करीब 250 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। वहीं, लखीमपुर खीरी के 150, शाहजहांपुर के 30, बदायूं के 70, बरेली के 70 और पीलीभीत के करीब 222 गांव की बड़ी आबादी बाढ़ के पानी से घिरी हुई है। मौसम विभाग ने 13, 14, 17 और 18 जुलाई को राज्य के अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश को लेकर यलो अलर्ट जारी किया है। मुंबई में सड़कें दरिया बन गई हैं। लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेनों के संचालन पर भी असर पड़ा है और लंबी दूरी की ट्रेनों की आवाजाही भी प्रभावित हुई है। पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, मध्य महाराष्ट्र, तटीय आंध्र प्रदेश, तटीय कर्नाटक, असम और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भी मूसलाधार बारिश रिकॉर्ड की गई है। राजस्थान के नागौर जिले के परबतसार में सबसे अधिक 89 एमएम और धौलपुर जिले के सेपाउ में 65 एमएम बारिश दर्ज की गई है।